रांची: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आठवीं मुहर्रम के मौके पर मस्जिद जाफरिया में हजरत अली के बेटे इमाम हसन, हुसैन के भाई हजरत अब्बास की फातिहा पढ़ी गयी। इसके बाद मजलिस जिक्र शहीदाने कर्बला का आयोजन किया गया। इस सभा को झारखंड राज्य हज कमेटी के सदस्य और जाफरिया मस्जिद के इमाम व खतीब हजरत मौलाना अल्हाज सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने संबोधित करते हुए कहा कि हर देश का अपना एक(परचम निशान) प्रतीक होता है। हर सरकार का अपना एक क्षेत्र होता है। इसी क्षेत्र के भीतर उस देश का झंडा फहराया जाता है। लेकिन पूरी दुनिया में एक ही हजरत अब्बास का अलम(निशान) है जो लहरा रहा है। इससे पता चलता है कि इमाम हुसैन का शासन एक देश, एक परिवार पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर है। सभा के बाद हजरत अब्बास की शहादत की याद में अल्म का मातमी जुलूस निकाला गया। जुलूस मस्जिद जाफरिया से निकलकर चर्च रोड, हनुमान मंदिर, डॉ. फतहुल्लाह रोड होते हुए वापस मस्जिद जाफरिया पहुंचा। जिसमें लोग बैन कर रहे थे कि अलम आया है लेकिन अलमबरदार नहीं है। हाय हुसैन, प्यासे हुसैन की सदा से पूरा इलाका गूंज रहा था। नाैहा खानी कासिम अली, अमीर गोपाल पुरी, रजा तुराबी कर रहे थे। काफी संख्या में लोग शामिल थे।
आज यानी 28 जुलाई 2023, दिन शुक्रवार को मुहर्रम की 9वीं का जुलूस रात 8 बजे अनवर आर्केड से सैयद फ़राज़ अब्बास और उनके परिवार की मौजूदगी में निकाला जाएगा। उसके बाद मजलिस शबे आशूर होगी। सभा के बाद ताबूत निकालकर मातम किया जाएगा। यह मजलिस अंजुमन जाफरिया के तत्वावधान में आयोजित की जा रही है।