विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस उत्साह के साथ मनाया गया

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झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया

राज्य के सभी जिलों में अल्पसंख्यक स्कूल स्थापित किए जाएंगे: मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी

हेमंत सरकार में अल्पसंख्यकों से जुड़े सभी मुद्दों का होगा समाधान: हिदायतुल्लाह खान

रांची: विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आज झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग की ओर से हज हाउस, कडरू, रांची में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों एवं आयोग के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने की, जबकि संचालन आयोग के सदस्य कारी बरकत अली ने किया। इस अवसर पर आयोग अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी और जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का गुलदस्ता एवं शॉल भेंट कर स्वागत व सम्मान किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में हिदायतुल्लाह खान ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ) में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, ताकि अल्पसंख्यकों के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आज देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है और उनके अधिकारों का खुलेआम हनन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों से नफरत करने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि अगर इतनी ही नफरत है तो सबसे पहले इंडिया गेट तोड़ दें, क्योंकि इंडिया गेट पर 60 प्रतिशत से अधिक नाम मुसलमानों के दर्ज हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि देश की आज़ादी और उसके अस्तित्व की रक्षा में मुसलमानों का कितना बड़ा योगदान रहा है।
हिदायतुल्लाह खान ने आगे कहा कि आलिम–फाज़िल परीक्षा का परिणाम कुछ तकनीकी कारणों से रोका गया था, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इसे जारी किया गया। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी का आभार व्यक्त किया और आग्रह किया कि जिन अभ्यर्थियों का परिणाम अभी जारी नहीं हुआ है, उसे भी शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार में अल्पसंख्यकों से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान हो रहा है और अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों की स्थिति बेहतर है।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा एक महिला के चेहरे से नकाब हटाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस निंदनीय कृत्य के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी से आग्रह किया कि उनके प्रयासों से आने वाले दिनों में रांची विश्वविद्यालय से आलिम–फाज़िल की परीक्षा आयोजित की जाए।
उन्होंने मदरसा बोर्ड शिक्षा को शिक्षा विभाग से हटाकर अल्पसंख्यक विभाग के अंतर्गत लाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का संकल्प है। झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग राज्य की सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और समग्र विकास हेतु निरंतर प्रयासरत है।अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि हम इस देश में संयोग से नहीं, बल्कि अपनी पसंद से रहते हैं। हमने अपने वतन और अपने हिंदुस्तान को चुना है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी ने कहा कि आज विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जा रहा है, जिसे 33 वर्ष पूर्व संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित कर महत्व दिया गया था। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज़रूरी है कि हम अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों। समाज की तरक्की के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने अंजुमन इस्लामिया रांची के पदाधिकारियों के बीच मतभेदों का भी उल्लेख करते हुए अध्यक्ष और सचिव से अपील की कि वे आपसी विवाद सुलझाएं, ताकि अल्पसंख्यकों के हित में काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि जैसे ही आलिम–फाज़िल का मामला उनके संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री को अवगत कराया और समाधान कराया गया।
मंत्री ने 500 बेड वाले अल्पसंख्यक छात्रावास के निर्माण की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक विभाग द्वारा अब तक लगभग 146 छात्रावासों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। छह प्लस-टू अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से दो बनकर तैयार हो चुके हैं। साथ ही राज्य के सभी जिलों में अल्पसंख्यक विभाग के अंतर्गत अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल्द ही हज हाउस में यूपीएससी कोचिंग सेंटर शुरू किया जाएगा, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को सीधा लाभ मिल सके और वे देश के विकास में योगदान दे सकें।
सम्मानित अतिथि सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2014 के बाद देश में जो हालात बने हैं और समाज में जो विभाजन व दूरियां पैदा हुई हैं, वह अत्यंत दुखद हैं। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि देश को एकजुट रखेंगे।
अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, हालांकि झारखंड में ऐसा नहीं है। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष सोच रखती है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों से जुड़े अधिकांश मामलों में मंत्री हफीज़ुल हसन अंसारी ने 90 प्रतिशत तक काम पूरा कर लिया है।
आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना आयोग की जिम्मेदारी है, जिसे वह बखूबी निभा रहा है। उपाध्यक्ष परनिश सोलोमन ने कहा कि अल्पसंख्यक बच्चों का ड्रॉपआउट प्रतिशत काफी अधिक है, चाहे वह प्राथमिक, माध्यमिक या उच्च शिक्षा हो। इसलिए हम सभी को शिक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जेएमएम नेता मुश्ताक आलम, सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, भगवान जी, डॉ. हसन इमाम मलिक, डॉ. मजीद आलम, झारखंड तंजीम के सर्फे आलम, लहू बोलेगा के नदीम खान, एडवोकेट आलम, पद्मश्री मधु मंसूरी, रतन टुडू, आयोग सदस्य एम. तौसीफ, सुशील मरांडी, वारिस कुरैशी, स्वेता टुडू, रंजीत कुमार मलिक सहित अनेक सामाजिक व राजनीतिक नेता उपस्थित थे।

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