रांची: पारस हॉस्पिटल एचईसी में एक नवजात शिशु को बचाने में डॉक्टरों की टीम ने सफलता हासिल की है। यह बच्चा बहुत कम कैल्शियम के कारण गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। सामान्य इलाज से सुधार नहीं हो रहा था और शिशु को शॉक आने लगा। ऐसे में उसे वेंटिलेटर और जीवनरक्षक दवाओं की जरूरत पड़ी। इस पूरे उपचार में पारस हॉस्पिटल एचईसी के नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. निशांत पाठक और उनकी टीम ने तुरंत और सटीक निर्णय लेते हुए बच्चा का सही इलाज किया। जांच में पता चला कि बच्चे में कैल्शियम की कमी सामान्य कारणों से नहीं, बल्कि एक दुर्लभ बीमारी प्सूडोहाइपोपराथायरॉयडिज़्म के कारण हो रही थी। इस बीमारी में शरीर एक खास हार्मोन (पीटीएच) को पहचान नहीं पाता, जिससे कैल्शियम का संतुलन बिगड़ जाता है। बच्चे को कैल्सिट्रिऑल नामक विशेष दवा और संतुलित कैल्शियम उपचार दिया गया, जिसके बाद उसकी हालत बेहतर होने लगी और अब बच्चा सुरक्षित रूप से घर भेज दिया गया है। डॉ निशांत पाठक ने कहा कि अगर किसी नवजात में बार-बार या लगातार कैल्शियम की कमी हो और सामान्य इलाज के बाद भी सुधार नहीं हो, तो डॉक्टरों को इस खास बीमारी की जांच जरूर करनी चाहिए।
पारस हॉस्पिटल एचईसी के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में उच्च स्तरीय नवजात चिकित्सा सुविधाओं, आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की टीम के साथ, गंभीर स्थिति वाले नवजातों का सफल इलाज लगातार हो रहा है।
