युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने का प्रयास, रिनपास मना रहा है अपनी स्थापना के 100 वर्ष
रांची : जे. ई. धनजीमँय अकादमिक एंड रिसर्च सेंटर, रिनपास, कांके में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर झारखंड इंटर स्कूल डिक्लेमेशन कॉन्टेस्ट का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम इस वर्ष और भी विशेष रहा, क्योंकि रिनपास अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण कर चूका है जो मानसिक स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में इसकी ऐतिहासिक यात्रा का प्रतीक है। इस प्रतियोगिता में राजधानी रांची सहित राज्यभर के कई विद्यालयों के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाने और समाज में इसके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का था।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिसने पूरे वातावरण को सकारात्मक और प्रेरणादायक बना दिया। इसके बाद स्वागत संबोधन के पश्चात प्रतिभागी विद्यार्थियों ने “मानसिक स्वास्थ्य – सबकी जिम्मेदारी”, “तनावमुक्त जीवन की ओर”, और “मानसिक संतुलन ही वास्तविक सफलता की कुंजी” जैसे विषयों पर अपने विचार प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए। विद्यार्थियों की वक्तृत्व कला, आत्मविश्वास और विषय की गहराई को देखकर उपस्थित अतिथि और निर्णायक मंडल प्रभावित हुए।
मंच पर डॉ. अमोल रंजन, डॉ. विकास कुमार, डॉ. मसुउर जहाँ और डॉ. बी. के. चौधरी मौजूद रहे। उन्होंने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है, जिसे लेकर युवाओं को जागरुक होना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर रिनपास परिवार के सदस्यों, शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति ने आयोजन को सफल बनाया।
“मानसिक स्वास्थ्य है तो जीवन सफल है।” साथ ही, रिनपास के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित यह कार्यक्रम संस्था की निरंतर सेवा, शोध और समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता के प्रति समर्पण का प्रतीक बना।
