Ranchi: झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में निवास करने वाले करीब डेढ़ लाख गड़ेरिया समाज के लोग बेरोजगारी और भूखमरी का दंश झेलने को विवश हैं. पहले गड़ेरिया परिवार के लोग भेड़ पालन करके उससे कंबल का निर्माण करते थे. भेड़ का घी निकाल कर उसे बेचा करते थे. मगर अब इनका यह पुस्तैनी पेशा करीब-करीब समाप्त हो चुका है. इसके कारण इनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है. ये लोग सरकार से अपने लिए संचालित सरकारी योजनाओं से जोड़ने और रोजगार उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि पहले भेड़ के ऊन से बने कंबलों की अच्छी मांग थी, मगर आहिस्ता-आहिस्ता मार्केट से ये बाहर हो गया.