कांके: केंद्रीय मनः चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) में कार्य कर रही सिक्योरिटी एजेंसी इंटेलिजेंस सिक्योरिटी ऑफ़ इंडिया के एएसओ परवेज आलम पर सुरक्षा कर्मियों की बहाली को लेकर पैसे लेने का आरोप गलत साबित हुआ। इस संबंध में आरोप लगाने वालों में शिखा शेफाली कुजूर, अनुज कुजूर, ख्रीस्त पॉल खेस ने कांके थाना और सीआईपी प्रशासन को दिए गए अपने आवेदन को वापस ले लिया और नए आवेदन देकर कहा है कि परवेज आलम पर हम लोगों द्वारा लगाया गया आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और निराधार है। परवेज आलम एक सम्मानित व्यक्ति है, एवं सामाजिक कार्य में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वहीं आरोप लगाने वालों ने आगे कहा कि परवेज आलम जैसे कर्मठ व्यक्ति को कुछ लोगों द्वारा बदनाम करने की साजिश रची गई थी और हमलोगों द्वारा सुरक्षा कर्मी के पद पर बहाली को लेकर 50-50 हजार रुपए कुल डेढ़ लाख रुपए लेने का आरोप लगाया गया था। जो हम लोगों ने कुछ लोगों के बहकावे में आकर लगाया था। और कांके थाना और सीआईपी प्रबंधन को इससे
संबंधित आवेदन दिया था जानकारी हो कि परवेज आलम भारतीय वायुसेना में अपना सेवा प्रदान कर चुके हैं, और सुरक्षा सेवा में महारथ हासिल की हुई है एवं सामाजिक कार्य में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को समाज में बदनाम करना एक अशोभनीय कार्य है। इस संबंध में आज एक प्रतिनिधिमंडल मोहम्मद नाकिब अहमद,नईम अख्तर के नेतृत्व में सीआईपी के डायरेक्टर डॉक्टर तरुण कुमार से मिला और उन्हें ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने मांग की की परवेज अख्तर की छवि को जो बिगाड़ा गया है उस पर सीआईपी निदेशक कार्यालय के द्वारा खंडन जारी किया जाए और जिन लोगों की भी बहाली हो रही है उनकी फिजिकल टेस्ट लिया जाए. निर्देशक ने कहा कि इस मामले पर वह जल्द ही उचित कार्रवाई करेंगे.