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रांची सरना समन्वय समिति के बैनर तल्ले कांके रोड रॉक गार्डन मिसिर गोन्दा सरना स्थल से चाँदनी चौक होते हुवे मुख्यमंत्री आवास तक आदिवासी समाज सैकड़ो की संख्या में महिला,पुरूष,बच्चे,युवा अपने परंम्पारिक वेश भुषा में हाथों में तकती लिये मौन जुलूस निकाली गयी।कांके रोड सरना समिति के सयोजक डब्लू मुण्डा ने* कहा की आज विश्वआदिवासी दिवस के दिन आदिवासी समाज अपने परंम्परा,रीति रिवाज के साथ अपने अधिकारो जल,जंगल,जमीन को बचाकर रखते हुवे हर्षोउल्लास के साथ आदिवासी दिवस बनाते है।मगर केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य नागरिक संहिता कानून और वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023 कानून ला रही है जो आदिवासियों को जीते जी मार देने वाला काला कानून है वैसे में विश्वआदिवासी दिवस बनाना गलत होगा।
मिसिर गोन्दा सरना समिति के बसंती कुजूर ने कहा की भारत सरकार आदिवासी महिलाओं को सुरक्षित करने में विफल हो गई है जबकि देश का राष्ट्रपति एक महिला है फिर भी ऐ हाल है मणिपुर की घटना इसका उदाहरण है।कांके रोड सरना समिति सदस्य राजेश लड़का ने* कहा की आज विश्वआदिवासी दिवस के दिन आदिवासियों को मौन जुलूस निकालने के लिए केन्द्र और सरकार ने मजबुर कर दिया है चारों तरफ आदिवासियों को मिटाने का परियास किया जा रहा है।कांके रोड सरना समिति के शशी मुण्डा ने* कहा की आज झारखण्ड में अपराधी बेलगाम हो गये आदिवासी समाज के नेतृत्व कर्ताओं को चिन्हित कर हत्या कर दिया जा रहा है।आदिवासी राज्य में आदिवासी सुरक्षित नही है।
इस मौन जुलूस में मुख्य रूप मंटू मुण्डा,कृष्णा मुण्डा,करमा करमाली,सुनील मुण्डा,भानू उराँव,यमुना टोप्पो,आदित्य मुण्डा,छोटू मुण्डा,विक्की हेमरोम,संदीप लोहरा,सुदीप टोप्पो,राहूल मुण्डा,विकास मुण्डा,करण करमाली,सुरज तिर्की,सतिश खलखो,मनिष नायक,अजय कच्छप,विकास मुण्डा,कोईली उराँव,धानिया लकड़ा,रीना टोप्पो,कोशिला नायक,बुदो लकड़ा,विजय मुण्डा,बिरसा मुण्डा,शशी मुण्डा,सुनील मुण्डा,प्रदीप मुण्डा तथा मिसिर गोन्दा,हतमा,टिकली टोला,चन्दवे,भीठ्ठा,चुड़ीटोला,हथिया गोन्दा,पतरा गोन्दा,धावा नगर,मिशन गली इत्यादि टोले/मोहल्ले के सैकड़ो लोग शामिल हूवे।