रांची: बैठक मे उपस्थित प्रमुख अतिथि/सदस्य वित्त मंत्री झारखंड सरकार डॉ॰ रामेश्व उराँव , बैंक ऑफ इंडिया, प्रधान कार्यलय के कार्यपालक निदेशक सह राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति झारखण्ड के अध्यक्ष, सुब्रत कुमार जी
प्रधान सचिव,वित्त विभाग,झारखण्ड सरकार, अजय कुमार सिंह
सचिव, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग,झारखण्ड सरकार, अबु बकर सिद्दीकी
क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, रांची क्षेत्रीय कार्यालय, एमएम प्रेम रंजन प्रसाद सिंह
मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, क्षेत्रीय कार्यालय,झारखंड , सुनील कुमार जहांगीरदार
महाप्रबंधक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, झारखण्ड, मनोज कुमार उप महाप्रबंधक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, झारखंड श्री अनिल जगदीश जाधव जी
राज्य सरकार के विभिन्न विभागो के वरीय अधिकारी गण
सभी सदस्य बैंकों के राज्य प्रमुख
इंडस्ट्रीज़ एसोशिएशन के राज्य प्रतिनिधि
राज्य के सभी 24 जिलों के अग्रणी ज़िला प्रबन्धक
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वित्त मंत्री झारखंड सरकार डॉ॰ रामेश्व उराँव जी के स्वागत के साथ किया गया। बैठक की औपचारिक शुरुवात मनोज कुमार, महाप्रबंधक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, के स्वागत सम्बोधन से हुई। कुमार ने सभा को 2013-14 से 2023-24 तक वार्षिक ऋण योजना के योगदान से अवगत कराया। उन्होने बताया कि वर्ष 2013-14 मे जहाँ बैंक वार्षिक 20,000 करोड़ के ऋण लक्ष्य को प्राप्त करते थे वहीं आज 04 गुना से ज्यादा राशि 90,000 करोड़ वार्षिक ऋण योजना मे प्रवाह कर रहे हैं। कुमार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष मे ऋण-जमा अनुपात वृद्धि का ज़िक्र किया एवं राज्य के ऋण जमा अनुपात को वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक 50% के आँकड़े को पार करने मे बैंकों के सहयोग की बात की। महाप्रबंधक ने बैंकिंग को तकनीक से जोड़ते हुए राज्य मे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास तथा नए निवेशकों को प्रोत्साहित करने के संबंध मे राज्य सरकार से आग्रह किया।
कार्यक्रम मे आगे बढ़ते हुए मनोज कुमार, महाप्रबंधक,राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की सितम्बर 2023 की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए सरकार द्वारा प्रोत्साहित ऋण योजना मे प्राइवेट सैक्टर बैंकों की सहभागिता बढ़ाने का ज़िक्र किया। राज्य मे बैंकिंग सुविधा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सभी 3,000 से ज्यादा आबादी वाले गावों मे दिसम्बर 2024 तक बैंकिंग शाखा खोलने के लक्ष्य से अवगत कराया। नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय, झारखंड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार जहांगीरदार ने सभी बैंकों को राज्य के विकास मे योगदान देने हेतु आभार प्रकट किया एवं बैंकों को कृषि ऋण विशेषकर पशुपालन एवं मत्स्य पालन हेतु राज्य के संबन्धित विभागों से परस्पर संबंध स्थापित कर बैंकों को ग्रामीण क्षेत्रों की आमदनी बढ़ाने मे सहयोग का आह्वाहन किया। जहांगीरदार ने राज्य मे बैंकों से (फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन) तथा स्वयं देयता समूह को प्रोत्साहित करने के विषय पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम मे आगे बढ़ते हुए क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, रांची क्षेत्रीय कार्यालय, प्रेम रंजन प्रसाद सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक की अग्रणी बैंक योजना की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए ज़िला स्तरीय विभिन्न बैंकिंग कमिटी की बैठक मे सार्थक परिचर्चा करने के विषय पर प्रकाश डाला। सिंह ने राज्य मे संचालित 88 सीएफ़एल प्रोग्राम के बारे मे सदन को अवगत कराते हुए राज्य मे सीएफ़एल द्वारा 4.00 लाख से अधिक लोगों को विगत वर्षो मे वित्तीय साक्षर करने की जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम मे आगे बढ़ते हुए मुख्य अतिथि वित्त मंत्री झारखंड सरकार डॉ॰ रामेश्व उराँव जी ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति झारखण्ड के सदस्य बैंकों को राज्य के आर्थिक योगदान मे मदद प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया साथ ही बैंकों को राज्य की ग्रामीण जनता के हितों को ध्यान मे रखकर कार्य करने की सलाह दी। बैंक ऑफ इंडिया, प्रधान कार्यलय के कार्यकारी निदेशक सह राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति झारखण्ड के अध्यक्ष, सुब्रत कुमार ने सभा मे उपस्थित सभी बैंकों के राज्य प्रमुख, अग्रणी ज़िला प्रबन्धक, माननीय वित मंत्री, डॉ॰ रामेश्व उराँव एवं मंचासीन गणमान्यों का अभिनंदन किया। देश के आर्थिक विकास तथा वित्तीय समावेशन मे बैंकों की अहम भूमिका के बारे मे सभी सदस्यों को अवगत कराया एवं झारखण्ड राज्य के एकीकृत विकास मे राज्य सरकार के सहयोग की प्रशंसा की। कार्यकारी निदेशक ने राज्य के बैंकों से कृषि एवं संबन्धित गतिविधियों मे जैसे बकरी पालन, सुकर पालन, मछली पालन इत्यादि गतिविधियों के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण प्रवाह करने का आग्रह किया।
अंत मे बैठक के द्वितीय पड़ाव मे राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति-झारखण्ड के वरीय प्रबन्धक, रोशन चौधरी ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रमुख विषयों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समापन उप महाप्रबंधक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति-झारखण्ड के श्री अनिल जगदीश जाधव के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से सम्पन्न हुआ।
ऋण जमा अनुपात
• झारखंड राज्य में साल दर साल कुल जमा राशि में Rs.30,516.25 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है साथ ही राज्य ने कुल ऋण में भी साल दर साल रु.20,045.41 करोड़ की वृद्धि दर्ज की है।
• राज्य ऋण जमा अनुपात में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में जहां ऋण जमा अनुपात 43.04% रहा, वहीं इस वर्ष यह बढ़ कर 45.04% हो गया अर्थात साल दर साल यह बढ़ोतरी 4.66% रही।
वार्षिक ऋण योजना 2023-24
कृषि क्षेत्र में वर्ष 2023-24 हेतु 17,085 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2023 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 6824.27 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 39.94% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 25.20% की बढ़ोतरी रही।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में वर्ष 2023-24 हेतु 26,675 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2023 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 21,661.85 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 81.21% उपलब्धि देखी गई है। साल दर साल 85.87% की बढ़ोतरी रही।
अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में वर्ष 2023-24 हेतु 4,225.00 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2023 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 1,272.17 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 30.11% उपलब्धि है।
कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में वर्ष 2023-24 हेतु 47,985.50 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2023 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 29,758.29 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 62.02% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 61.84% की बढ़ोतरी रही।
गैर प्राथमिकता क्षेत्र मे वर्ष 2023-24 के अंतर्गत 44,950.00 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, सितम्बर 2023 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 24,164.49 करोड़ रही, यानी कुल लक्ष्य का 53.76% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 23.54% की बढ़ोतरी रही।
राज्य में कुल ऋण मे वर्ष 2023-24 के अंतर्गत 92,935.00 करोड़ के लक्ष्य के मुक़ाबले, सितम्बर 2023 तिमाही तक राज्य की कुल उपलब्धि 53,922.78 करोड़ रही, यानि कुल लक्ष्य का 58.02% उपलब्धि दर्ज हुई। साल दर साल 42.10% की बढ़ोतरी रही।
वित्तीय समावेशन
झारखंड राज्य में बैंको ने वित्तीय समावेशन में, खास कर के प्रधान मंत्री जन धन योजना में कुल 1.80 करोड़ खाते विभिन बैंको द्वारा खोले गए हैं। प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत राज्य में कुल 39.66 लाख नामांकन किये जा चुके है। वही प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत राज्य में सितम्बर, 2023 तक कुल 97.61 लाख नामांकन किए जा चुके है। अटल पेंशन योजना के तहत 30.09.2023 तक राज्य में अब तक कुल नामांकन 17.21 लाख विभिन्न बैंको द्वारा की जा चुकी है। झारखंड राज्य में बैंक 3000 से अधिक आबादी वाले गांवों में 31.12.2023 तक 38 शाखाएं ब्रिक और मोर्टार खोलने की योजना बना रहे हैं। इसके अंतर्गत 30.09.2023 तक प्राप्त आंकड़ो के अनुसार राज्य में कुल 33 ब्रिक और मोर्टार शाखा विभिन्न बैंको द्वारा खोली जा चुकी है। 30.09.2023 तक राज्य के 1804 से गावों को प्रत्येक बैंकों के द्वारा गोद ले कर शत प्रतिशत वित्तीय समावेशन या ऋण प्रदान कर समावेशन किया जा चुका है। इसी क्रम में एसएलबीसी ने राज्य की अर्ध शहरी और ग्रामीण शाखाओं द्वारा अन्य 1804 गांवों को गोद लेने के लिए विलेज एडॉप्शन फेज शुरू किया है।