रांची में 10 जून को हुए प्रदर्शन में गिरफ्तार 5 लोगों को एपीसीआर की कोशिशों से दो मुकदमों में मिली ज़मानत

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रांची : पिछले साल पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के राष्ट्रीय टेलीविजन पर पैगंबर मुहम्मद साहब पर दिए अशोभनीय बयान के विरोध में देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हुए थे। 10 जून, 2023 को रांची में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़क गई थी जिसमे कथित पुलिस फायरिंग में 2 लोगों की मौत और कई अन्य लोगों को गोली लगी थी, गोली लगने से बुरी तरह ज़ख़्मी हुए थे और इलाज के उपरांत ही पुलिस ने इन सभी पर मुक़दमा दर्ज करके अस्पताल से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। झारखंड पुलिस ने इन लोगों पर तीन FIR अलग-अलग थानों में दर्ज किया था जिसमें FIR No. 16/22, 17/22 और 133/ 22 है जिसमें भारतीय दंड संहिता की संगीत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था
डेली मार्केट केस नंबर 17/22
अफसर आलम, तबारक कुरैशी , करण कछ्छप मोहम्मद उस्मान और सरफराज आलम* और डेली मार्केट केस नंबर 16/22 में
अफसर आलम और साबिर अंसारी को माननीय झारखंड हाई कोर्ट ने आज जमानत दी
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स -एपीसीआर इन सभी और अन्य प्रदर्शनकारियों के मुकदमों की मुफ्त कानूनी पैरवी कर रही है। एपीसीआर के अधिवक्ता मोहम्मद शादाब अंसारी को सुनने के बाद जस्टिस राजेश कुमार माननीय झारखंड हाई कोर्ट ने 6 लोगों की जमानत अर्ज़ी मंजूर कर दी एपीसीआर झारखंड के राज्य सचिव जियाउल्लाह ने कहा कि एपीसीआर बेकसूर, कमज़ोर और मज़लूमो की आवाज़ बनेगी और उनके इंसाफ दिलाने की अपनी कोशिशें जारी रखेगी।
एपीसीआर के महासचिव मलिक मोहतसिम खान ने कहा, “एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की अपनी विरासत को जारी रखेगा ताकि कानून का शासन बना रहे। हम आशा करते हैं कि भारत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित सैकड़ों अन्य मामलों में मौलिक अधिकारों को इसी तरह सुनिश्चित कराया जाएगा।
एपीसीआर के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान ने कहा, “एपीसीआर का यह दृढ़ विश्वास है कि दोषी साबित होने तक प्रत्येक आरोपी व्यक्ति निर्दोष होता है और “जमानत एक नियम है, जेल एक अपवाद है।”

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