⮚ 20,000 से अधिक छात्र अन्य डिग्री लेने के साथ-साथ इस प्रोग्राम में शामिल हुए।
⮚ 850 छात्र कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएस और आल्टो यूनिवर्सिटी, फिनलैंड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश लेने में सफल हुए।
⮚ प्रोग्राम में कभी भी पढ़ने की सुविधा है, इसलिए न्यूजीलैंड में 16 घंटे के रिकॉर्ड समय में आयरनमैन पूरा करने में सफल, भारत की सबसे कम उम्र की महिला ‘आयरनमैन’ एथलीट सुश्री रेनी नोरोन्हा (18) हर दिन एथलेटिक्स का अभ्यास और साथ ही डेटा साइंस प्रोग्राम कर रही हैं
03 मई 2024: डेटा साइंस और एप्लिकेशन में आईआईटी मद्रास की बीएस डिग्री के चार साल पूरे हो रहे हैं। संस्थान ने अब तक इस प्रोग्राम के 2,500 से अधिक छात्रों को नौकरी या पदोन्नति लेने में सक्षम बनाया है।
850 से अधिक छात्र कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएस और आल्टो यूनिवर्सिटी, फिनलैंड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के मास्टर और पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लेने में सफल रहे हैं। इतना ही नहीं, बहुत से विद्यार्थी अपने प्राथमिक डोमेन से स्ट्रीम बदल कर कंप्यूटर साइंस या डेटा साइंस में प्रवेश ले चुके हैं। .
जून 2020 में शुरू किया गया यह एक अभूतपूर्व प्रोग्राम है, जो आईआईटी मद्रास से पढ़ने के इच्छुक छात्रों का सपना जेईई की कठिन परीक्षा दिए बिना संभव बनाता है। वर्तमान में पूरे भारत के 27,000 से अधिक छात्र इस प्रोग्राम में नामांकित हैं। पढ़ाई ऑनलाइन होती है और परीक्षाएं फिजिकल मोड में होती है। पूरे देश और विदेशों में भी कुल 150 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इस तरह बीएस डिग्री के माध्यम से संस्थान ने भौगोलिक और उम्र जैसी बाधाओं को दूर कर विद्यार्थियों को आईआईटी की उच्च गुणवत्ता के साथ उच्च शिक्षा जन-जन के लिए सुलभ बना दिया है।
मई 2024 बैच के लिए 26 मई 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवार वेबसाइट – https://study.iitm.ac.in/ds/के माध्यम से आवेदन करें।
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने प्रोग्राम की सफलता पर बधाई देते हुए कहा, ‘‘ हमारे बीएस डेटा साइंस प्रोग्राम और इसके छात्रों की उपलब्धियों पर मुझे गर्व है। इस प्रोग्राम के माध्यम से हम ने कड़ी मेहनत करने और सीखने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए आईआईटीएम के दरवाजे खोल दिए हैं। हमें विश्वास है कि हम समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने के लिए ऐसे और प्रोग्राम शुरू करेंगे।’’
सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी शिक्षा का समान अवसर मिले इसलिए इस प्रोग्राम में शुल्क माफ करने और अन्य सहायता देने का भी प्रावधान किया गया है।
सालाना 5 लाख रुपये (5 एल.पी.ए.) से कम पारिवारिक आय वाली सभी छात्राओं के लिए शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। इसी तरह सालाना 1 लाख रुपये (1 एल.पी.ए.) से कम पारिवारिक आय वाले सभी छात्रों के लिए यह शुल्क पूरी तरह माफ है। यह सी.एस.आर. के सहयोग से संभव होता है जिसमें वेरिजोन, रेनॉल्ट निसान, एच.एस.बी.सी., टाटा ए.आई.ए., सदरलैंड, एल.टी.टी.एस., एल एंड टी थेल्स, डन एंड ब्रैडस्ट्रीट और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के अलावा लोगों के निजी आर्थिक योगदान और फिर सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत आर्थिक योगदान शामिल है। अब तक 3,645 से अधिक छात्र ये लाभ ले चुके हैं और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसमें उनकी आर्थिक तंगी बाधक नहीं बन रही है।
इस बारे में प्रोफेसर एंड्रयू थंगराज, प्रोफेसर-इन-चार्ज, बी.एस. (डेटा साइंस एण्ड एप्लीकेशन), आई.आई.टी. मद्रास ने बताया, ‘‘हमारे 4-वर्षीय बी.एस. डिग्री प्रोग्राम के सबसे आरंभिक बैच के विद्यार्थियों के लिए 4 साल की पढ़ाई पूरी करना और ग्रैजुएट होना अभी बाकी है। लेकिन इसके छात्रों की उपलब्धियां और प्रशस्तियां उल्लेखनीय हैं। प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश से लेकर प्रतिष्ठित कम्पनियों में रिसर्च और इंटर्नशिप के अवसर हासिल करने तक हमारे विद्यार्थियों की उपलब्धियां उनकी क्षमता और हमारे प्रोग्राम की गुणवत्ता के बारे में बहुत कुछ कहती हैं।’’
बी.एस. प्रोग्राम की विशिष्टताएं बताते हुए प्रोफेसर विग्नेश मुथुविजयन, प्रोफेसर-इन-चार्ज, बी.एस. (डेटा साइंस एंड एप्लीकेशन), आई.आई.टी. मद्रास ने कहा, ‘‘प्रोग्राम में एक्ज़िट के कई विकल्प दिए गए हैं। इससे छात्रों के लिए प्रत्येक स्तर पर आवश्यक कौशल हासिल करना संभव होता है, और वे वांछित लक्ष्यों की ओर अग्रसर रहते हैं। इसके अलावा इस प्रोग्राम का एक समग्र दृष्टिकोण है, जिसके तहत प्रोजेक्ट के आधार पर असाइनमेंट, अनुसंधान, शिक्षा प्रतियोगिताओं में भागीदारी और छात्र समुदायों में लीडरशिप, शिक्षा का बेहतर अनुभव और प्रतिभागियों के अंदर मूल्यवान कौशल का विकास किया जाता है।’’
आई.आई.टी. मद्रास की बी.एस. टीम की पुरजोर कोशिश प्रोग्राम में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए अवसर बढ़ाना है। यह विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से साझेदारी कर डिग्री स्तर के बी.एस. छात्रों को उनके कैम्पस में कोर्स करने और उनके कोर्स का बी.एस. प्रोग्राम में क्रेडिट लेने में सक्षम बना रहा है। इस तरह छात्रों को खुद फैकल्टी से बात करने और उनके साथ काम करने की संभावना तलाशने का अवसर मिलता है। इस प्रोग्राम में शिक्षा सहायक और मेंटर भी नियुक्त किए गए हैं, जो कोर्स के विद्यार्थियों को शैक्षिक सहायता देते हैं और उन्हें इस कार्य अवधि में आईआईटीएम कैम्पस में रहने की सुविधा दी जाती है।
केस स्टडी
प्रोग्राम में लचीलापन होने से विद्यार्थी पढ़ाई के बैकग्राउंड और उपलब्ध समय के अनुसार अपनी गति से कोर्स पूरा कर सकते हैं। पाठ्य सामग्री हर हमेशा उपलब्ध रहती है। यही वजह है कि सुश्री रेनी नोरोन्हा और सुश्री आराधना आनंद जैसी छात्राएं अपनी वैकल्पिक अभिरुचि और शिक्षा बीच संतुलन बनाने में सफल हैं। उन्हें किसी से भी नाता नहीं तोड़ना पड़ा।
18 साल की सुश्री रेनी नोरोन्हा भारत की सबसे कम उम्र की महिला ‘आयरनमैन’ एथलीट हैं। 16 घंटे के रिकॉर्ड समय में न्यूजीलैंड में आयरनमैन का लक्ष्य पूरा कर चुकी हैं। रेनी इसके लिए हर दिन कुछ घंटे प्रशिक्षण लेती हैं और मई 2024 में डिप्लोमा स्तर पर प्रवेश लेने वाली हैं। 21 साल की सुश्री आराधना आनंद एक प्रोफेशनल हरिकथा परफॉर्मर हैं जो लगातार अलग-अलग शहरों और देशों में परफॉर्म करती हैं। फिर भी वे अपनी पढ़ाई और परीक्षा जारी रख पाती हैं क्योंकि भारत और विदेशों में कुल मिला कर 150 से अधिक शहरों में परीक्षा केंद्र हैं और जिन देशों में नहीं हैं, वहां ऑनलाइन रिमोट प्रॉक्टरिंग के साथ परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। विद्यार्थी वर्तमान में जिस शहर में हो उसके अनुसार हर बार परीक्षा के लिए एक अलग शहर चुन सकते हैं। इसका लाभ लेते हुए उन्होंने पढ़ाई जारी रखी है और इस वर्ष प्रोग्राम के डिग्री स्तर पर प्रवेश लेंगी।
डिप्लोमा स्तर पर वर्ष 2023 के लिए शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कारों की हाल में घोषणा की गई थी और इसकी सबसे बड़ी विशिष्टता छात्रों की विविधता थी।
इसमें सभी क्षेत्रों के विद्यार्थी हैं। श्री शुभम गट्टानी प्राथमिक डिग्री के तौर पर इस प्रोग्राम में शामिल हैं। श्री कौशिक वी और श्री नागराजन एम सीए प्रोफेशनल हैं। डॉ. गणेश पी हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। अबू धाबी की सुश्री सौम्या एन एक गृहिणी हैं और सुश्री शिल्पा पॉल एक स्कूल शिक्षिका। श्री नीरज कुमार का अपना स्टार्ट-अप है। अन्य विद्यार्थी एक साथ दो डिग्रियां ले रहे हैं जैसे श्री सारनाथ पी और श्री विरूपाक्ष चेकुरी इंजीनियरिंग ग्रैजुएट हैं और श्री शेरी थॉमस की प्राथमिक डिग्री दर्शनशास्त्र में बीए है।
छात्रों ने बतौर प्राथमिक डिग्री इसे आधार बना कर मास्टर और पी.एच.डी. प्रोग्राम में प्रवेश लिया या अपने कैंपस डिग्री के साथ इसे भी प्रस्तुत किया है। सुश्री श्रेया सिंघल को मास्टर डिग्री के लिए चार प्रसिद्ध संस्थानों – हार्वर्ड, सी.एम.यू., यू.पी.एन., डब्ल्यू.पी.आई. और कोलंबिया विश्वविद्यालय से मंजूरी मिली है। प्रत्येक के साथ स्कॉलरशिप का भी प्रावधान है। विरूपाक्ष आई.आई.टी. मद्रास के मेटलर्जी और मटीरियल इंजीनियरिंग विभाग से 2023 के बी.टेक. हैं जिन्हें इस प्रोग्राम के तहत किए गए कोर्स के आधार पर यूशिकागो और यूसी सैन डिएगो में कंप्यूटर साइंस में मास्टर के लिए प्रवेश मिला है। केरल के प्रणव बालकृष्णन के लिए बी.एस. डिग्री एकमात्र प्राथमिक डिग्री है और उनके लिए कंप्यूटर साइंस में मास्टर के लिए 4 अमेरिकी विश्वविद्यालयों के प्रवेश द्वार खुल गए।
अहमदाबाद के श्री शुभम गट्टानी और चेन्नई के श्री प्रशांत एस दोनों मेधावी छात्र रहे हैं। लेकिन चिकित्सकीय कारणों से व्यक्तिगत रूप से फिजिकल कॉलेज नहीं जा सकते थे। अब घर पर आराम से बहुत अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और प्रोग्राम में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इंटर्नशिप भी हासिल कर ली है।